आज हम इस पोस्ट के माध्यम से अपने मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख संगीतकारो के बारे मे जैसे:-
(2) पण्डित शंकरराव
(3) पण्डिक कृष्णराव
(5) उस्ताद अमीर खाॅं
(6) कुमार गंधर्व
(7) राजा चक्रधरसिंह
(8) तानसेन
तानसेन :-
मुग़ल शसक अकबर के नवरत्नों में सम्मिलित संगीत सम्राट तानसेन का जन्म 1506 ई. में ग्वालियर के बेहात नमक गांव में हुआ था। इनके पचपन का नाम रामतनु पांडे था और इन्होंने अपने गुरु मुहम्मद गैस से संगीत में निपुणता प्राप्त की थी।
तानसेन ने संगीतसार, संगीत रामामाल, ध्रुपदगायन शैल, दीपकुराग, रागदरबारी, मेघ मल्हा, मियां की मल्हार आदि की श्रजन किया था। 1646 ई. में आगरा के समीप इनका निधन हो गया था। इनकी स्मृति में ग्वालियर में तानसेन का मकबरा निर्मित किया गया है।
उस्ताद हाफिज अली खाॅं(सरोद वादक) :-
- इंका जन्म (1892) मे ग्वालियर हुआ था और मृत्यु 1972
- इनके संगीतगुरु:-उस्ताद वजीर अली खां (रामपुर),चक्कालाल(वृंदावन), गनेशीलाल
- विशेष:-संगीत की अटल शुद्धतावादी के समर्थक इनका संगीत अभिजात्य पूर्ण था इनके संगीत गायन में ध्रुपद+ख्याल+ठुमरी का मेल होता था
- राज्याश्रय संरक्षण:-ग्वालियर महाराजा, माधवराव सिंधिया एवं जीवाजीराव सिंधिया
- प्रमुख शिक्षा:-अमजद अली खां (पुत्र:-सरोद वादक) मुबारक अली खां, रहमत अली खां
- सम्मान:-पदम भूषण(1960) संगीत नाटक एकेडमी का सर्वोच्च पुरस्कार
- सरोदघर:-इनकी स्मृति में इनके पुत्र ने ग्वालियर में सरोदघर की स्थापना की है
पण्डित शंकर राव :-
पंडित शंकर राव |
- इनका जन्म(1862) मैं ग्वालियर मराठा ब्राह्मण परिवार में हुआ था मृत्यु (1917)
- पिता:-पं विष्णु(जीवाजीराव के आग्रह पर ग्वालियर आए)
- संगीत गुरु:-पं.बालकृष्ण बुवा, उस्ताद निसार हुसैन,देवाजी कुमार (टप्पा शैली)
- इन्होंने अपने गुरु बालकृष्ण बुवा के साथ मुंबई में संयुक्त प्रस्तुति देकर तहलका मचा दिया था
- संगीत शिष्य:-पडत कृष्णाराव (पुत्र)भाऊसाहेब जोशी,काशीनाथ मूले,राजा भैया पूंछ वाले।
- सम्मान:-राष्ट्रपति पदक संगीत नायक
- विशेष:-इनके पुत्र कृष्णा राव ने ग्वालियर में इनकी स्मृति में शंकर गंधर्व संगीत महाविद्यालय स्थापित किया।
पण्डित कृष्णराव:-
पंडित कृष्ण राव |
- जन्म:-26 जुलाई 1893,मृत्यु-1983
- पिता:-पं.शंकरराव
- रचनाऍं:-संगीत सार सरगम,संगीत प्रवेश,संगीत अलाप संचारी,तबला वादन शिक्षा,सितार,जलतरंग वादन शिक्षा,हारमोनियम वादन शिक्षा आदि।
- विशेष:-ख्याल गायकी पर असाधारण अधिकार दूरदर्शन वा रेडियो पर अनेक संगीत प्रस्तुति दी। गायन रिकार्ड को कोलम्बिया रिकॉर्डिंग कंपनी ने किया, माधव संगीत महाविद्यालय के सुपरवाइजर में जीवाजी सिंधिया ने बनाया।
- सन्1919 मैं गांधीजी के समक्ष संगीत सुनाया।
- उपाधियाॅं:-गायक शिरोमणि (सरदार पटेल द्वारा)
- सम्मान:-गायन महर्षि(शंकलेश्वर पीठ के शंकराचार्य)डॉ. ऑफ म्यूजिक (खैरागढ़ विश्वविद्यालय) गायन विशारद सम्मान, पदम विभूषण(1973)।
राजा भैया पूॅंछ वाले:-
राजा भैया पूॅंछ वाले |
- जन्म:-12 अगस्त 1882ग्वालियर में हुआ था
- मृत्यु:-1 अप्रैल 1956
- वास्तविक नाम:-बालकृष्ण आनंद राव आप्टेकर।
- पिता:-आनंदराव(पूंछ, बुंदेलखण्ड जागीर से ग्वालियर आए थे)
- संगीत गुरु:- बलदेवजी लाल बुवा वामन बुवा(ध्रुपद सीखा)
- पिता आनंद राव से सितार सीखा विष्णु नारायण भातखण्डे(बुंबई स्वर लिपि सीखी)
- रचनाएँ:-तानमालिका,संगीतोपासना ठुमरी तरंगिनी ध्रुपद घामरा गायकी।
- विशेष:-भातखंडे की क्रमिक पुस्तक मालिका के लिये अथक प्रयास किया।
- सम्मान:-संगीत रत्नाकर, संगीत कार्य सर्वलोक गायन,राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त
- पुत्र:- बाला साहेब पूॅंछवाले(तानसेन सम्मान प्राप्त)
उस्ताद आमिर खाॅं:-
उस्ताद आमिर खाॅं |
जन्म-1913,मृत्यु-1974 (आकस्मिक)- पिता:- शहमीर खां (सारंगी व वीणा वादक)
- संगीत शिक्षा:- पिता-शहमीर खां (इंदौर घराना की शिक्षा ली) अमान अली खां (भिण्डी बाजार घराना की शिक्षा ली) 1वर्ष रायगढ़ दरबार में रहे।उस्ताद आमिर खाॅं को उर्दू, फारसी,हिंदी,संस्कृत का अच्छा ज्ञान था।
- संगीत विशिष्टता:- ध्रुपद का महत्व अभिजात्य ज्ञान, खयाल का अलंकृत चमकीलापन खयाल व तराना गायकी के कुशल गायक।
- फिल्में:-बैजू बावरा,झनक झनक पायल बाजे,गूंज उठी शहनाई,तानसेन में संगीत दिया।
- सम्मान:-पदमभूषण संगीत अकैदमी सम्मान (मध्य प्रदेश)
- संगीत शिष्य:-अमरनाथ हृदयनाथ मंगेशकर।
- विशेष:-इनकी स्मृति में इंदौर में उस्ताद अलाउद्दीन का खां अकादमी (मैहर सतना) के सहयोग से प्रतिवर्ष आमिर खां समारोह का आयोजन होता है।
कुमार गंधर्व:-
- जन्म:-8 अप्रैल 1924
- मृत्यु:-12 जनवरी 1991
- जन्म स्थल:-सुलेमानी ग्राम बेलागांव(कर्नाटक)तपेदिक के कारण स्वास्थ्य लाभ हेतु देवास आये।
- पूरा नाम:-शिवपुत्र सिद्धारमैया मौर्य कोमकली
- पिता:-सिद्धारमैया(श्री गुरु भटकल ने)
- गुरु:- प्रो.वी.आर. देवधर तिजनी बाई मातेकर।
- संगीत रचनाएं:-अनुपराग विलास, त्रिवेणी गायन
- उपनाम:-संगीत का कबीर,क्रांतिकारी संगीतकार के रूप में प्रसिद्ध।
- संगीत साधना:-मालवी लोक धुन, तत्परता से नए रागों का निर्माण। संतों की वाणी को संगीत से जोड़ा। निर्भीक प्रयोगशील एवं आत्मान्वेषणकर्ता संगीतकार इनके घर पर दुर्लभ ग्रंथों का संग्रह था।
- विशेष:- महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को संगीतमय ध्वनि में पिरो कर (गांधी मल्हार)प्रस्तुत।
- सम्मान:-पद्मविभूषण, संगीत अकादमी सम्मान ,कालिदास सम्मान।
- संगीत साधना केंद्र भानुकुल (देवस)प्रतिवर्ष अमृत उत्सव में कुमार गंधर्व सम्मानित किया जाता हैं।
- पुत्र-पुत्री:-कलापिनी कुमार,खुशी, मुकुल शिवपुत्र (संगीतज्ञ)।
ये जानकारी मेरे द्वारा इक्कठा की गई है मैं आप सभी का मित्र अजय ,लवकुश , इस तरह की जानकारी आगे भी लाता रहूंगा। ये जानकारी आपको कई तरह से मदत करेगा जैसे कई तरह के परिक्षा में जैसे MPPSC, UPSC, SSC, VYAPAM, STATE EXAM इत्यादि।
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