छत्तीसगढ़ अभीन के नही बल्कि पहिलिच्च के जंगलिहा क्षेत्र आय.अइसे केहे जाथे कि महाभारत काल म पांचो पांडो मन जंगले जंगल ए डाहर ले जावत रिहिन. जावत जावत एक जघा अइसे अइस जेन मेर भूलिन कांदा खूंदे कस किंजर फिर के उसी जघा पहुंच जय. झूंझकूर के मारे चउंदयासी लागे रद्दा बाट सुझय नही. जी बगिया गे अर्जुन के ताहन खिसिया के ओ करा के जंगल झाड़ी ल दाह कर दिस ताकि ए जघा चातर हो जय कहिके. इसी पाए के अर्जुन के चतवारे जघा ल अर्जुनदाह के नाव ले जाने गिस. तेन ल अब बोल चाल म अर्जुन्दा गांव के नाव ले जानथन.
source https://hindi.news18.com/news/chhattisgarhi/relation-of-arjunda-to-arjuna-of-mahabharata-chhattisgarhi-durga-prasad-parkar-4596567.html
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