Tradition of Madhya Pradesh: हिंगोट युद्ध कैसे शुरू हुआ और यह परंपरा में कैसे तब्दील हुआ- इसका प्रमाण तो किसी के पास नहीं. लेकिन कहा जाता है कि हिंगोट स्वाभिमान का प्रतीक है. ये परंपरा मुगलों और मराठों से जमाने से चली आ रही है. उस समय लूटपाट के अलावा मुगल सेनाएं हाथियारों के साथ क्षेत्र में आती थीं, तो मराठा हिंगोट के गोले दागकर मुगल सेना से लड़ा करते थे. यह एक तरीके का गुरिल्ला वार हुआ करता था. तब से दोनों गांवों के बीच में प्रतीकात्मक युद्ध होता है ताकि लड़ाके अपने हुनर को न भूले.
source https://hindi.news18.com/news/madhya-pradesh/indore-history-and-tradition-of-hingot-war-of-indore-madhya-pradesh-how-to-prepare-hingot-agniban-nodaa-4794211.html
0 Comments