माह शिवरात्रि पर्व 2021
महाशिवरात्रि के जानकारी:-
भगवान शिव को औघड़दानी भी कहा गया है, जो कृपा कर अपने भक्तों को सदैव अभय वर एवं सामर्थ्य प्रदान करते हैं। भगवान शिव ही एकमात्र गृहस्थ देव है जिनकी पूजा पूरे परिवार सहित की जाती है।
महाशिवरात्रि पर साधना, दीक्षा गृहस्थ व्यक्तियों द्वारा परिवार में सुख समृद्धि प्राप्ति के लिए कन्याओं द्वारा श्रेष्ठ पति प्राप्ति के लिए, वृद्ध और रोगियों द्वारा पूर्ण रोग मुक्ति के लिए, भय से ग्रसित व्यक्तियों के लिए मृत्युंजय स्वरूप में,योगियों सन्यासियों के लिए पूर्ण सिद्धेश्वर रूप में,अर्थात सभी द्वारा अपने अपने अभीष्ट कार्यों के लिऐ शिव पूजा अवश्य सम्पन्न की जाती है। ऐसा कोई अभागा ही होगा,जिसने भगवान शिव की पूजा साधना की हो और उसे फल प्राप्त नहीं हुआ हो। शिव साधना से तो अभागे आगे व्यक्ति के भाग्य भी खुल जाते हैं, भगवान शिव तो सदैव वर प्रदान करते ही हैं, इसीलिऐ उनकी स्तुति देवताओं के साथ-साथ गण,राक्षस,गंधर्व,भूत- प्रेत,पिशाच सभी सम्पन्न करते हैं।
महाशिवरात्रि भगवान शिव की पूजा अभिषेक करने हेतु विशेष दिवस है सृष्टि में शिवलिंग की उत्पत्ति महाशिवरात्रि की रात्रि को ही हुई थी। और इसी रात्रि को भगवान शिव ने भगवती पार्वती का वरण किया था इसलिए इसे शिव गौरी दिवस भी कहा जाता है। यह पर्व मस्ती,उल्लास और आनंद प्राप्ति का पर्व है।इस दिन प्रत्येक व्यक्ति को यथा बाल,युवा,वृद्ध,गृहस्थी,योगी,सन्यासी स्त्री-पुरुष सभी को शिव पूजा एवं अभिषेक अवश्य ही सम्पन्न करना चाहिऐ।
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