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सतना जिला संकट प्रबंधन समूह की बैठक में चिकित्सा सुविधा एवं बेड संख्या बढ़ाने पर जोर

       सतना 15 अप्रैल 2021/कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मरीजों की संख्या और संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर गुरूवार को सांसद गणेश सिंह की विशेष उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न जिला संकट प्रबंधन समूह की बैठक में जिले में कोविड मरीजों के उपचार, बेड संख्या में वृद्धि, चिकित्सा संसाधनों के पूरी क्षमता के साथ उपयोग और संसाधनों में वृद्धि पर जोर दिया गया। बैठक में पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा, संयुक्त कलेक्टर साधना परस्ते, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया, सिविल सर्जन डॉ रेखा त्रिपाठी, सहायक सिविल सर्जन डॉ पीके श्रीवास्तव, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद डॉ राजेश तिवारी, जिला संकट प्रबंधन समूह के सदस्य नरेंद्र त्रिपाठी, योगेश ताम्रकार, एडवोकेट मकसूद अहमद, अशोक दौलतानी, डॉ संजय महेश्वरी भी उपस्थित थे।

           बैठक में सांसद श्री सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस संकट के दौर में प्रशासन, स्वास्थ्य, पुलिस सहित सभी प्रशासकीय तंत्र, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, आम नागरिक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। संकट के दौरान सबको मिलजुल कर समाधान खोजना है। कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में जितने भी संसाधन जिले में उपलब्ध हो सके उनका पूरी क्षमता के साथ उपयोग करते हुए बढ़ाने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। सांसद ने जिले में कोरोना की स्थिति, मरीजों के लिए उपलब्ध बेड, उपकरण, रेफरल सेवा, ऑक्सीजन, दवाओं की आपूर्ति, वैक्सीनेशन आदि बिंदुओं की जानकारी लेते हुए जिला अस्पताल में मरीजों के लिए एक रिसेप्शन सेंटर बनाने एवं कोविड कमांड सेंटर से वीडियो कॉलिंग परामर्श की व्यवस्था सृदृढ़ करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में सिलेंडर आदि कोविड वार्ड में पहुंचाने वर्करों की कमी नहीं हो। जिला रोगी कल्याण से व्यवस्था की जा सकती है। कोविड संक्रमण का प्रसार शहरी क्षेत्रों में अधिक है और भर्ती सुविधा का जोर भी शहरी क्षेत्रों के अस्पतालों पर है। डॉक्टरों की आवश्यकता होने पर ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टरों की सेवाएं भी ली जा सकती हैं।

         जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं होम आइसोलेशन तथा संस्थागत कोविड मरीजों के उपचार सेवाओं की जानकारी में बताया कि सतना शहर में जिला चिकित्सालय के ट्रामा यूनिट में कोविड मरीजों के लिए 60 बेड, आईसीयू के 16 बेड, पोस्ट कोविड और कोविड सस्पेक्ट के लिए 60 बेड वार्ड में इस तरह 126 बेड जिला अस्पताल में चालू है। प्राइवेट अस्पतालों में बिरला हॉस्पिटल में 22 बेड, सार्थक में 20 बेड, श्रीजी कान्हा में 30 बेड, आयुष्मान में 14 बेड और पाठक हॉस्पिटल में 8 बेड ऑक्सीजन सप्लाई वाले आईसीयू, एचडीयू और आइसोलेशन बेड हैं।

         बैठक में बताया कि जिला चिकित्सालय के ऑर्थोपेडिक वार्ड में 30 बेड कोविड के लिये शिफ्ट किए जा रहे हैं। वहीं धवारी स्थित जीएनएम में 96 बेड सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा के साथ तैयार किए जा रहे हैं। यहां पोस्ट कोविड मरीजों को शिफ्ट किया जाएगा। जिले में ऑक्सीजन की आपूर्ति की कोई समस्या नहीं है। आगे भी जिले को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन की पूर्ति पर्याप्त मिलती रहेगी। रेमडेसिविर प्राइवेट अस्पतालों सहित जिला अस्पताल में पर्याप्त उपलब्ध हो रहे हैं। बैठक में कोविड वार्ड इंचार्ज डॉ लक्ष्मी ने बताया कि कोविड के क्रिटिकल मरीज लगभग 30 एडमिट है, जिन्हें कम से कम 3 घंटे में एक जंबो सिलेंडर की आवश्यकता होती है। क्रिटिकल मरीजों के परिजन वार्ड में जाने का प्रयास करते हैं। 

      बैठक में निर्णय लिया गया कि वार्ड में जाने की अनुमति किसी को नहीं दी जाए। बैरिकेडिंग के माध्यम से कोविड मरीज वार्ड को पृथक रखें। क्रिटिकल मरीज के बारे में परिजनों को जानकारी देने रिसेप्शन काउंटर बनाया जा सकता है। जिला संकट प्रबंधन समूह की बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण अभी मुख्य रूप से शहरी क्षेत्र में प्रभावी है। हर संभव प्रयास कर इसे ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बढ़ने से रोका जाए। जन अभियान परिषद के मैं कोरोना वालेंटियर्स की सेवाएं जागरूकता और सहयोग के कार्यों में ली जाएं। 

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