मां वह है जिसके बारे में हम कुछ भी बोले या कहें कम है। मां के बराबर ना तो कोई प्यार करता है और ना ही कोई कर सकता है। मां वह शब्द है जिसका प्रयोग कर हम अपने घर में भगवान को पुकारते हैं। इस दुनिया में उन लोगों को नसीब वाला कहा जाता है जिन्हें मां बाप का प्यार नसीब होता है। यह दुनिया कहती है माता पिता से बड़ा किसी का आशीर्वाद नहीं होता और माता पिता से बड़ा कोई भगवान नहीं होता। मां की दुआ अपने बच्चों की जिंदगी बना देती। जिंदगी की पहली टीचर मां होती है जो अपने बच्चों को दुनिया में जीने का तरीका सिखाती है।
इस दुनिया में माता-पिता का दर्जा भगवान के बराबर दिया गया। इस दुनिया में माता-पिता ही बिना किसी स्वार्थ के अपने बच्चों से प्रेम करते हैं। परंतु कुछ लोग इस दुनिया में ऐसे भी हैं जो अपने माता-पिता को बड़े होते ही भूल जाते हैं और घर से निकाल देते हैं। उस मां को भूल जाते हैं जो मां खुद को भूखा रख अपने बच्चों को पेट भर खिलाती है। हम चाहे कितने बड़े भी क्यों ना हो जाए पर मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते हैं।
मातृ दिवस क्यों और कब मनाया जाता है।
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