इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है. ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर आल्हा खंड के नायक आल्हा ऊदल दो सगे भाई मां शारदा के अनन्य उपासक थे. महोबा से आकर आल्हा ऊदल ने ही सबसे पहले जंगल के बीच मां शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की थी. इसके बाद आल्हा ने इस मंदिर की तलहटी में 12 साल तक तपस्या कर देवी को प्रसन्न किया था. माता ने उन्हें प्रसन्न होकर अमर होने का आशीर्वाद दिया था.
source https://hindi.news18.com/news/madhya-pradesh/satna-navratri-2022-shaktipeeth-maihar-alha-udal-discovered-temple-of-sharda-maa-adi-shankaracharya-first-worshiped-mpsg-4655861.html
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