महात्मा गांधी का नाम आते ही जेहन में अहिंसावादी सोच आने लगती है, और आना लाजमी है भले ही समाज में हर चीज के दो पहलू होते हैं तो कुछ लोग सोचते हों कि उनका अहिंसक होना सही था या नहीं लेकिन उन लोगों को यह समझना चाहिए की अहिंसक थे किंतु उनके पीछे उनके समर्थकों का समूह होता था. जो कि अहिंसावादी होते हुए भी हमारे देश को आजादी दिलाने में बापू का अहम योगदान था.
source https://hindi.news18.com/news/madhya-pradesh/jabalpur-mahatma-gandhi-jayanti-2022-bapu-last-wish-was-fulfilled-in-jabalpur-narmada-river-tilwara-ghat-cgnt-4678717.html
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